Beam in building constrctuon (बीम)
🧱 Beam क्या है? Design, प्रकार, लोड कैलकुलेशन और फेल होने के कारण – पूरी जानकारी हिंदी में
🔷 परिचय:
किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट पर आपने बीम (Beam) का नाम जरूर सुना होगा। बीम एक ऐसा स्ट्रक्चरल एलिमेंट है जो दो कॉलम्स को जोड़ता है और स्लैब से आने वाले लोड को सहारा देता है। यदि बीम मजबूत न हो, तो पूरी बिल्डिंग की स्ट्रेंथ कमजोर हो जाती है। इसलिए बीम का डिज़ाइन और निर्माण सही तरीके से किया जाना बहुत जरूरी है।
इस लेख में हम जानेंगे – बीम क्या है, इसके प्रकार, उस पर लगने वाले लोड, डिज़ाइन कैसे करें और यह किन कारणों से फेल हो सकती है।
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| Beam building constrctuon |
🔶 Beam क्या है?
बीम एक क्षैतिज (Horizontal) स्ट्रक्चरल एलिमेंट होता है जो स्लैब से आने वाले लोड को कॉलम में ट्रांसफर करता है। यह झुकाव (Bending) और Shear Force को सहन करता है। बीम का मुख्य उद्देश्य ऊपर से आने वाले वजन को बराबर रूप से दोनों सिरों पर स्थित सपोर्ट तक पहुँचाना होता है।
बीम की परिभाषा:
“Beam is a structural member subjected to transverse loads which cause bending.”
🔶 Beam के प्रकार (Types of Beams)
बीम कई प्रकार की हो सकती हैं, जिन्हें उनके Support System, Material और Shape के आधार पर बांटा जाता है।
📌 Support के आधार पर:
- Simply Supported Beam: दो सपोर्ट के बीच रखा गया बीम।
Simply supported beam - Cantilever Beam: एक तरफ से फिक्स और दूसरी तरफ फ्री बीम।
Cantilever beam
- Fixed Beam: दोनों सिरों से फिक्स बीम।
- Continuous Beam: तीन या अधिक सपोर्ट पर रखा गया बीम।
📌 Material के आधार पर:
- RCC Beam (Reinforced Cement Concrete)
- Steel Beam
- Timber Beam
📌 Cross-Section के आधार पर:
🔶 बीम पर लगने वाले लोड (Loads on Beams)
बीम पर मुख्यतः दो तरह के लोड लगते हैं:
अन्य लोड:
- Wind Load
- Seismic Load (भूकंप)
- Snow Load (जिन क्षेत्रों में बर्फबारी होती है)
लोड दो प्रकार से लग सकता है:
- Point Load (एक बिंदु पर)
- UDL – Uniformly Distributed Load (पूरा बीम समान रूप से)
🔶 Beam Design कैसे करें?
बीम का डिज़ाइन करते समय इंजीनियर को कई चीज़ों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे:
📐 मुख्य स्टेप्स:
- Bending Moment (M):
- फॉर्मूला:
M = wL²/8(UDL के लिए)
- फॉर्मूला:
- Shear Force (V):
- Bending के कारण बीम में उत्पन्न कटने वाली शक्ति।
- Deflection:
- अधिक Deflection से क्रैक आ सकता है।
- Moment of Inertia (I):
- बीम के सेक्शन का प्रतिरोध क्षमता दर्शाता है।
🔶 बीम का Reinforcement (रेइन्फोर्समेंट)
RCC बीम में दो तरह की रॉड लगती हैं:
- Main Bars: नीचे की तरफ लगाई जाती हैं – bending से सुरक्षा के लिए।
- Stirrups (काटी): शियर फोर्स के खिलाफ सुरक्षा के लिए।
✅ RCC Beam Reinforcement Rule:
- Minimum Cover: 25 mm
- Lapping: 40 × diameter
- Hooks at stirrups: 135°
🔶 बीम के फेल होने के कारण (Beam Failure Reasons)
बीम फेल होने का मतलब है – उसका क्रैक होना या पूरी तरह से टूट जाना। इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं:
- Design Error: गलत लोड कैलकुलेशन।
- Under Reinforcement: रॉड की मात्रा कम होना।
- Poor Quality Material: Cement, Steel या Aggregate की गुणवत्ता घटिया होना।
- Construction Mistakes: Improper shuttering या कम curing।
- Overloading: निर्धारित भार से अधिक लोड डालना।
🎯 उदाहरण: अगर किसी beam का actual load 20kN है लेकिन उसका design सिर्फ 15kN के लिए हुआ है, तो crack आना तय है।
🔶 साइट पर बीम बनाते समय सावधानियाँ
- Shuttering मजबूत और water-tight होनी चाहिए।
- Concrete डालने से पहले reinforcements की position सही चेक करें।
- Vibrator से अच्छी तरह compact करें।
- कम से कम 7 दिनों तक curing ज़रूर करें।
Bean design of site
🔶 FAQ (Beam से जुड़े सामान्य सवाल)
Q. बीम और कॉलम में क्या अंतर है?
A. Beam क्षैतिज एलिमेंट होता है, जबकि कॉलम vertical होता है और compression सहता है।
Q. बीम की कम से कम गहराई कितनी होनी चाहिए?
A. Generally, depth = Span/12 से Span/15 के बीच होती है।
Q. Slab और Beam में ज्यादा reinforcement किसमें होता है?
A. Beam में ज्यादा होता है क्योंकि वो ज्यादा bending load सहता है।
🔶 निष्कर्ष:
Beam भवन निर्माण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका डिज़ाइन, लोड कैलकुलेशन और रेइन्फोर्समेंट यदि सही किया जाए तो पूरी बिल्डिंग मजबूत बनती है। इस लेख में आपने जाना कि बीम क्या है, इसके प्रकार, डिज़ाइन कैसे करते हैं और किन कारणों से यह फेल हो सकती है।
अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें। इस ब्लॉग को शेयर करें ताकि और लोग भी जानकारी पा सकें।

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