गुनिया कैसे बनाएं
🏗️ प्रस्तावना – मकान निर्माण में गुनिया की भूमिका क्यों जरूरी है
जब हम किसी मकान का निर्माण शुरू करते हैं, तो सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है "गुनिया करना" या "साइट पर लेवल और एंगल निकालना"।
गुनिया (Setting out) एक ऐसी तकनीकी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से जमीन पर नक्शे के अनुसार भवन की सीमाएँ, दीवारें, कॉलम और नींव की स्थिति तय की जाती है।
अगर शुरुआत में गुनिया गलत हो जाए तो पूरा घर तिरछा, असंतुलित या नाप-तोल में गलत हो सकता है। इसलिए एक अनुभवी मिस्त्री या सर्वेयर द्वारा सही गुनिया करना निर्माण की सफलता की कुंजी होती है।
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| गुनिया |
🔹 गुनिया क्या होती है?
गुनिया का अर्थ होता है – नक्शे या ड्रॉइंग के अनुसार जमीन पर मकान की सीधी रेखा (Right Angle Line) बनाना।
इसे अंग्रेजी में "Building Layout" या "Setting out of Building" कहा जाता है।
गुनिया का मुख्य उद्देश्य है:
- भवन की सीधी दिशा तय करना,
- नींव की स्थिति निर्धारित करना,
- और दीवारों की चौड़ाई और लंबाई सही रखना।
यानी गुनिया वह प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि मकान नक्शे के अनुसार ठीक दिशा और माप में बने।
🔹 गुनिया करने के लिए आवश्यक उपकरण
किसी भी निर्माण कार्य में गुनिया करने के लिए कुछ उपकरणों की जरूरत होती है —
- मीटर टेप (Measuring Tape) – लंबाई और चौड़ाई मापने के लिए।
- बांस या आयरन की पिनें (Pegs/Rods) – पॉइंट मार्क करने के लिए।
- रस्सी या धागा (String Line) – सीधी लाइन खींचने के लिए।
- थियोडोलाइट या ऑटो लेवल (Theodolite/Auto Level) – बड़ी साइट पर लेवल और एंगल निकालने के लिए।
- पानी की नली या Spirit Level – लेवल चेक करने के लिए।
- चूना या पाउडर – मार्किंग लाइन को स्पष्ट दिखाने के लिए।
🔹 गुनिया करने से पहले क्या तैयारी करें
गुनिया करने से पहले कुछ बुनियादी तैयारियाँ जरूरी हैं ताकि काम सटीक हो —
-
साइट की सफाई करें:
झाड़ियाँ, पत्थर, और अवरोध हटाकर जमीन को समतल करें। -
ड्रॉइंग को समझें:
नक्शे में दिए गए dimension, orientation और corner angle को अच्छी तरह पढ़ें। -
उत्तर दिशा पहचानें:
Compass या मोबाइल ऐप से North direction मार्क करें, ताकि मकान सही दिशा में बने। -
Boundary तय करें:
जिस हिस्से में निर्माण होना है उसकी सीमा (Boundary Line) को स्पष्ट करें।
🔹 गुनिया करने का तरीका (Step by Step Process)
अब जानते हैं कि किसी मकान को बनाते समय गुनिया कैसे करें —
🧱 Step 1: कोने का पहला बिंदु तय करें
सबसे पहले नक्शे के अनुसार एक कोना (Corner Point) तय करें।
यह बिंदु जमीन पर मकान का पहला reference point होता है।
उदाहरण के लिए – घर का South-West corner को पहला बिंदु माना जाता है।
इस बिंदु को पेग या खूंटे से जमीन में मजबूती से गाड़ दें।
📏 Step 2: लंबाई और चौड़ाई मापें
अब इस पहले बिंदु से नक्शे के अनुसार घर की लंबाई और चौड़ाई मापिए।
रस्सी या टेप से एक सीधी लाइन खींचें।
यह मकान की पहली दीवार की लाइन होगी।
📐 Step 3: गुनिया (Right Angle) बनाना
अब इस लाइन से 90° (समकोण) पर दूसरी लाइन बनानी है।
इसके लिए आप 3-4-5 मेथड (Pythagoras Theorem) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
👉 3-4-5 Rule कैसे काम करता है:
- किसी भी लाइन पर एक बिंदु से 3 मीटर,
- दूसरी दिशा में 4 मीटर मापिए,
- फिर इन दोनों बिंदुओं के बीच की दूरी 5 मीटर होनी चाहिए।
अगर दूरी 5 मीटर है तो कोना बिल्कुल 90° (Right Angle) बनेगा।
इस तरह से दोनों दीवारों की दिशा बिल्कुल सीधी (Square) होगी।
| गुनिया कैसे निकाल |
📍 Step 4: बाकी कोने तय करें
अब पहले और दूसरे कोने की मदद से बाकी दो कोनों की स्थिति मापें।
हर जगह 90° का ध्यान रखें ताकि मकान चारों ओर से सीधा बने।
सभी पॉइंट्स पर खूंटे गाड़ दें और रस्सी से जोड़ दें।
🧮 Step 5: डायगोनल चेक करें
यह सबसे जरूरी स्टेप है।
दोनों डायगोनल (कोने से कोने की दूरी) बराबर होनी चाहिए।
अगर दोनों डायगोनल बराबर हैं तो आपका मकान पूरी तरह Square या Rectangular है।
अगर बराबर नहीं है तो थोड़ी बहुत adjustment करें।
⚖️ Step 6: लेवल और ऊंचाई जांचें
अब Auto Level या पानी की नली से यह चेक करें कि सभी कोने एक ही लेवल पर हैं या नहीं।
अगर किसी हिस्से की ऊंचाई ज्यादा या कम है तो उसे नींव की खुदाई में एडजस्ट करें।
📊 Step 7: नींव की मार्किंग करें
जब बाहरी गुनिया पूरी तरह सही हो जाए, तब नींव की अंदरूनी रेखाएँ (Foundation Marking) करें।
इससे यह पता चलेगा कि नींव कितनी चौड़ी और गहरी होगी।
📌 Step 8: कॉलम और दीवार की सेंटर लाइन बनाएं
अब रस्सी और चूना की मदद से कॉलम सेंटर लाइन मार्क करें।
यह लाइन भविष्य में कॉलम, बीम और दीवार की स्थिति तय करती है।
🔹 गुनिया करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- सभी कोने समकोण (90°) पर हों।
- डायगोनल बराबर हों।
- लेवल एक समान हो।
- नक्शे के अनुसार ओरिएंटेशन सही हो (East-West/North-South)।
- मार्किंग साफ और स्पष्ट दिखे।
- गुनिया के बाद खूंटे हटने न पाएँ, उन्हें मजबूत करें।
- बारिश या हवा से बचाने के लिए रस्सी और खूंटे की सुरक्षा करें।
🔹 गुनिया के प्रकार
गुनिया को दो मुख्य प्रकारों में बांटा जा सकता है:
-
Simple गुनिया:
छोटे मकान या कम जगह में सिर्फ रस्सी और टेप से किया जाता है। -
Instrumental गुनिया:
बड़े प्रोजेक्ट जैसे – अपार्टमेंट, स्कूल, या हॉस्पिटल में थियोडोलाइट और ऑटो लेवल से किया जाता है।
🔹 गुनिया में होने वाली सामान्य गलतियाँ
निर्माण के दौरान अगर गुनिया में गलती हो जाए तो पूरा भवन गलत हो सकता है।
कुछ आम गलतियाँ हैं:
- डायगोनल बराबर न निकालना।
- कोने का एंगल 90° से अलग होना।
- लेवल का फर्क रह जाना।
- माप में गलती या गलत टेप यूज़ करना।
- खूंटे सही से फिक्स न करना जिससे मार्किंग हिल जाए।
इन गलतियों से बचने के लिए हर स्टेप को दो बार चेक करें।
🔹 गुनिया करने के फायदे
गुनिया सही तरीके से करने के कई फायदे होते हैं —
- भवन का स्ट्रक्चर मजबूत और सटीक बनता है।
- नक्शे और साइट में अंतर नहीं रहता।
- निर्माण में सामग्री की बचत होती है।
- नींव और कॉलम सही जगह पर बनते हैं।
- दीवारें सीधी और सुंदर दिखती हैं।
- समय और श्रम दोनों की बचत होती है।
🔹 गुनिया करने के लिए तकनीकी सुझाव
-
कम से कम दो व्यक्ति काम करें:
एक माप ले और दूसरा लाइन सेट करे। -
रस्सी को हमेशा तनी हुई रखें:
ढीली रस्सी से माप गलत हो सकता है। -
Auto Level से ऊंचाई हमेशा चेक करें।
-
Foundation खुदाई से पहले गुनिया को Engineer से Verify करवाएँ।
-
Boundary से पर्याप्त Offset (दूरी) रखें ताकि प्लास्टर या फुटपाथ के लिए जगह रहे।
🔹 आधुनिक गुनिया तकनीक
आजकल निर्माण में Total Station, Laser Level, और GPS Surveying जैसी तकनीकों का प्रयोग बढ़ गया है।
इनकी मदद से कुछ मिनटों में बहुत सटीक गुनिया की जा सकती है।
लेकिन छोटे मकानों के लिए 3-4-5 Rule ही सबसे आसान और किफायती तरीका है।
🏠 निष्कर्ष – सही गुनिया, मजबूत नींव की शुरुआत
कहावत है –
“अगर नींव सीधी है तो इमारत खुद-ब-खुद मजबूत बनती है।”
गुनिया वह पहला कदम है जो भवन की नींव को सही दिशा देता है।
अगर गुनिया में जरा सी भी गलती हो जाए तो आगे चलकर दीवारें टेढ़ी, दरवाजे झुके हुए और प्लास्टर असमान हो जाते हैं।
इसलिए मकान बनाते समय गुनिया को हल्के में न लें।
सही माप, सही दिशा और सही एंगल से किया गया गुनिया ही आपके घर को सुंदर, सुरक्षित और टिकाऊ बनाता है।
👉 निष्कर्ष रूप में कहें तो:
गुनिया करना किसी भी भवन निर्माण का पहला और सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी कदम है।
जो इंजीनियर, मिस्त्री और मालिक इस प्रक्रिया को समझते हैं, वही एक सटीक और मजबूत घर बनाते हैं।
पुराने जमाने की में पत्थर की बहू मंजिला इमारते कैसे बनती थी 👉 https://successfulcivilengineering.blogspot.com/2025/08/httpswww.blogger.comblogpostedit8548682833457567174658908472812777547.html
Column और beam कंस्ट्रक्शन के बारे में हिंदी में जानकारी
👉 https://successfulcivilengineering.blogspot.com/2025/09/httpssuccessfulcivilengineering.blogspot.combuilding-beam-construction-detail.html
मकान कैसे बनाए 👉https://successfulcivilengineering.blogspot.com/2025/07/blog-post.html
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