Columb क्या होता हैं ( कॉलम) हिंदी में जानकारी
नमस्कार दोस्तों आज हम बिल्डिंग के बनाने पर column के बारे में जानेंगे। Column को हिंदी में स्तंभ कहा जाता हैं। लेकिन अधिकतर लोगबाग बोलचाल की भाषा में हिंदी का स्तंभ न बोलकर ज्यादातर इंग्लिश column ही बोलते हैं। आज हम इस कॉलम के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ेंगे।
1. Column किसे कहते है ?
2. Column कितने के प्रकार के होते है ?
3. दो Column के बीच की दूरी कितनी होती हैं ?
4. Column में सरिया कितने mm का देना चाहिए ?
5. Column ring कैसे बनाएं ?
6. Column मकानcover कितने mm का देते है ?
7. Column में lapping कहा देते है ?
8. मकान में Column क्यों बनाया जाता हैं ?
1. Column किसे कहते है ? - कॉलम किसी बिल्डिंग के वह मेंबर होते हैं जिस पर slab और beam का load को foundation यानी कि नींव में transfered करता है। जैसे की छत का सारा भार बीम पर आता हैं , और बीम का सारा भार कॉलम पर ही आता है , कॉलम का लोड नींव में जाता हैं। हम जब मकान बनाते हैं तो कॉलम जरूर बनाना चाहिए । बिना कॉलम के मकान उतना मजबूत नहीं बनता । जितना हम बनाना चाहते हैं। कॉलम मकान का आधार होते है। कॉलम में कम से कम चार सरिया अवश्य चाहिए । 4 से कम सरिया कॉलम में नहीं देना चाहिए। और गोल कॉलम में 6 से कम सरिया नहीं देना चाहिए। और हुक की दूरी 6 इंच से ज्यादा नहीं रखना चाहिए। कॉलम में cover 40 mm का ही रखना चाहिए।
| Column with footing |
2. Column कितने के प्रकार के होते है ? - कॉलम कई प्रकार के होते हैं जैसे कि
आकर के आधार पर
a) वर्गाकार कॉलम - इस प्रकार के कॉलम में चारों भुजाएं टॉप से देखने पर बराबर दिखती है। इस प्रकार के कॉलम में सरिया 4 , 8 या 16 लगती है। इस प्रकार के कॉलम काफी मजबूत होते हैं।
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| Square column |
b) गोलाकार कॉलम - गोलाकार कॉलम बहुत सी मकानों या दुकानों में सामने की तरफ कलम एन ज्यादातर सुंदरता दिखने के कारण सामने गोल शेप वाले कॉलम बनाए जाते हैं। गोल कॉलम में कम से कम 6 सरिया का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के कॉलम में खबर 40 mm का ही दिया जाता है। यह कॉलम दिखने में सुंदर और मजबूत होते हैं।
c) आयताकार कॉलम - आयताकार कॉलम में 6 ,12 या 18 सरिया का उपयोग किया जाता है। सभी कॉलम में कवर 40 mm ही रखा जाता है। यह कॉलम भी बहुत मजबूत होते हैं।
| Rectangular column |
बनाने के आधार पर कॉलम के प्रकार -
a) RCC कॉलम - गांव जज जगह जज इक जज जज है न RCC कॉलम का मतलब होता है कि कॉलम बनाने में लोहे , गिट्टी , सीमेंट , रेत और पानी का उपयोग किया गया है ।
b) ईट के कॉलम - कॉलम ईटो के द्वारा बनाई जाती है उसे ईट के कॉलम या Brick कॉलम कहते हैं। इस प्रकार के कॉलम को कम मजबूत वाली जगह पर बनाया जाता है ।
c) लकड़ी के कॉलम - कही कही पर लकड़ी के कॉलम भी बनाया जाता है जैसे कच्चे मकान में ऊपर छत के सपोर्ट के लिए आदि।
d) लोहे के कॉलम - लोहे के कॉलम या स्तंभ सीट वाले मकान के छत को सहारा देने के लिए लोहे के पिलर या कॉलम जाते हैं।
e) पत्थर के कॉलम - कई जगह पर पत्थर के कॉलम भी बनाए जाते हैं। पुराने जमाने की इमारत में पत्थर के मजबूत कॉलम देखने को मिल जाते है।
3. दो Column के बीच की दूरी कितनी होती हैं ? - यदि कॉलम का आकार छोटा हो तो कॉलम के बीच की दूरी तीन मीटर से अधिक नहीं देना चाहिए । और हमें अगर 2 कॉलम के बीच की दूरी बढ़नी हो तो हमें कलम का आकार और बड़ा बनाना चाहिए।
9 इंच × 9 इंच के कॉलम हो तो दो कॉलम के बीच की दूरी तीन मीटर से ज्यादा नहीं रखना चाहिए।
और अगर कॉलम का साइज 9 इंच ×1 फिट का हो तो दो कॉलम के बीच की दूरी 3.6 मी से कम नहीं रखनी चाहिए। इस तरह से जैसे-जैसे कॉलम का आकार बढ़ाते जाएंगे वैसे-वैसे हम दो कॉलम के डिस्टेंस भी बढ़ा सकते हैं।
4. Column में सरिया कितने mm का देना चाहिए ? -
कॉलम में सरिया कितने mm का देना चाहिए यह हमें हमारे कंट्रक्शन या बल्डिंग कितना हैवी बनेगा उस हिसाब से देते हैं। जितना है अभी स्ट्रक्चर बनेगा उतना मोटा सरिया देना होता है कॉलम में। वैसे तो 12 mm की सरिया से कम की सरिया कॉलम में नहीं देना चाहिए।
9 इंच × 9 इंच के कॉलम में 12 mm कि सरिया देते हैं। और इस कॉलम में चार सरिया से कम सरिया नहीं देना चाहिए। और रिंग की सरिया 8 mm से कम कि नहीं देना चाहिए। रिंग में हुक जरूर देना चाहिए। कॉलम में कवर 40 mm का ही देना चाहिए। कॉलम में में बार बिल्कुल सीधी करके ही लगाना चाहिए। तिरछी रॉड कॉलम में नहीं लगाना चाहिए। कॉलम में सभी मेंन बारों को एक समान लंबाई में नही काटना चहिए। दो-ती या मैंन फीट की लंबाई में कम ज्यादा काटना चाहिए। ऐसा करने से कॉलम में एक ही जगह पर जॉइंट नहीं बनता और कॉलम की मजबूती बनी रहती है।
5) Column ring कैसे बनाएं ? - कॉलम में मेंन बार को पकड़े रहने लिए या जोड़ने के लिए , कोल्लम के सभी 4 , 6 , 8 आदि जितने भी कॉलम में रॉड लगे रहते हैं सबको एक साथ बांधे रखने के लिए हमें कॉलम में रिंग लगाना होता है। इस रिंग की सहायता से सभी सरियों को एक साथ जोड़कर बांधा जाता हैं। रिंग 8 mm से कम की नहीं बनाना चाहिए। रिंग में हुक अवश्य देना चहिए। हुक 10D ही देना चाहिए। और हुक को 180 डिग्री पर मोड़ना चाहिए। हो कॉलम और कंक्रीट को पकड़े रखने में सहायता करता है।
कॉलम में दो रिंग के बीच 5 इंच या 6 इंच से ज्यादा स्पेस नहीं देना चाहिए। या दो रिंग की दूरी 5 , 6 इंच से ज्यादा नहीं रखना चाहिए। कॉलम में रिंग के ऊपर से या रिंग से कवर 40 mm नापा जाता है। रिंग को कॉलम के सभी रांडों से रिंग को बाहर करके बांधा जाता है।
| Column में रिंग |
6. Column में cover कितने mm का देते है ? - मकान मे में कॉलम पर लोहे बाहरी आवरण हवा पानी से बचाने के लिए कॉलम में जो लोहा उपयोग किया जाता है , उसे कंक्रीट से ढकना अनिवार्य होता है। कॉलम में कवर 40 mm का कवर दिया जाता है।
कॉलम में कवर एक समान देना चाहिए। उसके लिए कॉलम को खड़ा करते समय सीधा खड़ा करना चहिए। और जब कॉलम की कास्टिंग हो तब सेटिंग के आसपास कबर ब्लॉक चारों तरफ जरूर लगाना चाहिए। कॉलम कास्टिंग के तुरंत बाद प्लम बोब या गोले से सीधा खड़ा करना चहिए।
कवर 40 mm से कम नहीं होना चाहिए। और कवर हमेशा रिंग से नापा जाता है न कि मेंन बार से।
7. Column में lapping कहां देते है ? - कॉलम में लैपिंग कब देते हैं जब हमें मकान या दूसरी या तीसरी मंजिला बनाना होता है तो कॉलम को और अधिक लंबा ऊंचा करना होता है और इतनी लंबी नहीं होती तो हमें सरिया को और जोड़ना होता है सरिया को जोड़ना की प्रकिया को ही Lapping कहते हैं।
कुछ लोग क्या करते हैं की लैपिंग कॉलम में कहीं भी दे देते हैं। जबकि लैपिंग को कही भी नहीं दिया जाता है। लैपिंग देने का भी एक नियम होता है। लैपिंग हमेशा कॉलम के मध्य भाग में दिया जाना चाहिए। कॉलम में लैपिंग (L/4) को छोड़कर बीच में देते हैं। कॉलम में लैपिंग (L/4) में नहीं देते क्योंकि इस पोर्शन में बेंडिंग मोमेंट ज्यादा होत है। लैपिंग देते समय कॉलम में जैकल जरूर मारना चाहिए ।
8. मकान में Column क्यों बनाया जाता हैं ? - मकान में कॉलम का बनाना जरूरी होता है। क्योंकि कॉलम वह भाग होता है जिसमें पर छत , भीम आदि का लोड कॉलम पर ही आता है। जिस लोड को कॉलम आसानी से सहन करके फाउंडेशन तक पहुंचाता है। अगर हम मकान में कलम ना दें तो मकान उतना मजबूत नहीं होगा और जल्दी मकान गिर भी सकता है। क्योंकि दीवार में उतनी सामर्थ नहीं होती की छत , बीम सबका भार आसानी से सह सके। इसलिए कॉलम का मकान में देना अनिवार्य होता है। कॉलम मजबूत और सही ढंग से बना होना चाहिए।
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