Brick masonry wall and plaster



🧱 ईंट की दीवार और प्लास्टर: निर्माण की मजबूत नींव

घर, दुकान या कोई भी इमारत बनाते समय उसकी दीवारें और सतहें सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दीवारें न सिर्फ संरचना को मजबूती देती हैं, बल्कि वह हमारी सुरक्षा, गोपनीयता और सुंदरता का भी प्रमुख हिस्सा होती हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे — ईंट से दीवार (Brick Masonry Wall) कैसे बनाई जाती है और प्लास्टर (Plaster) क्यों आवश्यक होता है और कैसे किया जाता है।


🏗️ ईंट की दीवार (Brick Masonry Wall) क्या है?

ईंट की दीवार निर्माण की वह प्रक्रिया है जिसमें एक-दूसरे पर ईंटें रखकर और उनके बीच मोटर (cement mortar) भरकर एक मजबूत दीवार तैयार की जाती है। यह दीवार पूरे भवन का आधार होती है।

Brick masonary wall 


📌 ईंट की दीवार के प्रमुख भाग:

  1. ईंट (Brick): जलाकर या प्रेस करके बनाई जाती है। अच्छी ईंट वह होती है जो बराबर साइज की, ठोस, दरार रहित और लाल रंग की हो।

  2. मोर्टार (Mortar): यह सीमेंट, बालू और पानी का मिश्रण होता है जिससे ईंटें आपस में जुड़ती हैं।

  3. कोर्स (Course): एक क्षैतिज स्तर की ईंटें।

  4. बॉन्डिंग (Bonding): ईंटों को इस प्रकार रखना कि उनमें जुड़ाव मजबूत हो और दरारें न आएं।

  5. Brick masonary 


🧱 ईंट की दीवार बनाने की प्रक्रिया:

1. साइट की तैयारी:

  • सबसे पहले जगह को समतल किया जाता है।
  • चौक, लाइन डोरी की मदद से दीवार का स्थान चिन्हित किया जाता है।

2. फाउंडेशन (नींव):

  • नींव गहरी और मजबूत होनी चाहिए।
  • इसमें पहले सीमेंट कंक्रीट डाला जाता है और फिर ईंट की चिनाई शुरू की जाती है।

3. ईंटों को भिगोना:

  • ईंटों को 1-2 घंटे तक पानी में डुबोया जाता है ताकि वे सीमेंट का पानी न सोखें।

4. चिनाई (Masonry):

  • मोटर तैयार कर ईंटों को एक के ऊपर एक रखा जाता है।
  • कोनों पर पहले ईंट लगाई जाती है, फिर बीच की।
  • वाटर लेवल या प्लंब बॉब से सीधाई जांची जाती है।

5. क्योरिंग (Curing):

  • दीवार बन जाने के बाद उस पर 7 से 10 दिनों तक पानी छिड़क कर रखा जाता है ताकि मोटर सूखने के बाद क्रैक न हो।

🧰 ईंट की दीवार के प्रकार:

  1. सिंगल ब्रिक वॉल (9 इंच मोटी):

    • आमतौर पर घरों की बाहरी दीवारों में प्रयोग होती है।
  2. हाफ ब्रिक वॉल (4.5 इंच मोटी):

    • आंतरिक दीवारों या विभाजन के लिए उपयोगी।
  3. लोड बेयरिंग वॉल:

    • जो पूरी छत और संरचना का भार झेलती है।
  4. नॉन-लोड बेयरिंग वॉल:

    • केवल विभाजन के लिए होती है।

✅ ईंट की दीवार के लाभ:

  • मजबूत और टिकाऊ।
  • आसानी से उपलब्ध सामग्री।
  • बेहतर थर्मल इंसुलेशन।
  • कम लागत।
  • ध्वनि को रोकती है।

❗ ईंट की दीवार में ध्यान देने योग्य बातें:

  • ईंटें सही प्रकार की हों।
  • मोटर का अनुपात 1:6 (सीमेंट:रेत) सामान्य होता है।
  • लाइनिंग और लेवलिंग ठीक से हो।
  • सीमेंट सूखने तक नियमित पानी देना ज़रूरी है।

🎨 प्लास्टर (Plaster) क्या होता है?

प्लास्टर एक परत होती है जो दीवार के ऊपर लगाई जाती है ताकि वह चिकनी, मजबूत और आकर्षक दिखे। इससे दीवारों को मौसम, पानी और धूल से भी सुरक्षा मिलती है।


🧱 प्लास्टर की सामग्री:

  1. सीमेंट (Cement): प्लास्टर का मुख्य घटक।
  2. रेत (Sand): बारीक और छानी हुई रेत बेहतर रहती है।
  3. पानी (Water): मिक्सिंग के लिए।
  4. बॉन्डिंग एजेंट (यदि आवश्यक हो): मजबूती बढ़ाने के लिए।

🔧 प्लास्टर करने की प्रक्रिया:

1. सतह की सफाई:

  • दीवार से धूल, तेल, या कोई पुराना प्लास्टर हटाया जाता है।

2. वाटरिंग:

  • प्लास्टर से पहले दीवार को भिगोया जाता है ताकि सीमेंट सही से सेट हो।

3. प्लास्टर की परत बनाना:

  • मोटर को सतह पर डाला जाता है और ट्रॉवेल की मदद से फैलाया जाता है।
  • यह परत 12 मिमी से 18 मिमी तक की होती है।

4. लेवलिंग और फिनिशिंग:

  • स्क्रैपर्स और थरमा से सतह को समतल और चिकना किया जाता है।

5. क्योरिंग:

  • प्लास्टर होने के बाद 7 दिन तक हल्के पानी से क्योरिंग की जाती है।

🧾 प्लास्टर के प्रकार:

  1. सिंपल सीमेंट प्लास्टर:

    • सबसे आम, 1:6 अनुपात में।
  2. सैंड फेस्ड प्लास्टर:

    • बाहरी दीवारों के लिए, दो परतों में किया जाता है।
  3. डेकोरेटिव प्लास्टर:

    • POP या रंगीन सीमेंट से किया गया प्लास्टर जो सजावट के लिए होता है।

✅ प्लास्टर के फायदे:

  • दीवारों को चिकनापन देता है।
  • रंग करने से पहले आवश्यक होता है।
  • दरारें और खामियां छिपाता है।
  • मौसम और नमी से सुरक्षा देता है।
  • Plaster 


❗ प्लास्टर में ध्यान देने योग्य बातें:

  • मोटर का अनुपात सही रखें।
  • सतह को अच्छी तरह गीला करें।
  • प्लास्टर के बाद क्योरिंग ज़रूर करें।
  • प्लास्टर लेयर 12-15 मिमी से अधिक न हो।

🔄 ईंट की दीवार और प्लास्टर का संबंध:

ईंट की दीवार मजबूत संरचना प्रदान करती है लेकिन उसकी सतह खुरदरी होती है। प्लास्टर उस सतह को चिकना, सुंदर और टिकाऊ बनाता है। ये दोनों मिलकर एक मजबूत, सुरक्षित और सुंदर भवन का निर्माण करते हैं।

brick masonry and plaster


📸 कुछ उपयोगी तस्वीरें (वर्णन सहित):

  1. ईंट की चिनाई करते मज़दूर:

  2. ईंटों को पानी में भिगोना:

  3. दीवार पर प्लास्टर किया जा रहा है:

  4. फाइनल चिकनी प्लास्टर फिनिशिंग:


✨ निष्कर्ष:

ईंट की दीवार और प्लास्टर किसी भी भवन की संरचना के अभिन्न अंग हैं। एक अच्छी तरह से बनाई गई ईंट की दीवार और उस पर सटीक रूप से किया गया प्लास्टर न सिर्फ आपकी इमारत को मजबूत बनाता है, बल्कि उसे सुंदर और टिकाऊ भी बनाता है। यदि आप खुद का घर बना रहे हैं या निर्माण क्षेत्र में हैं, तो इन दोनों प्रक्रियाओं की सही समझ होना आवश्यक है।

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