. "Auto Level क्या है? इसे चलाने का तरीका और HI Method से रीडिंग सॉल्व करने की पूरी जानकारी"



🏗️ Auto Level क्या होता है?

निर्माण कार्य (Construction Work) में जब भी किसी जमीन का स्तर (Level) पता करना हो या किसी संरचना (Structure) की ऊँचाई व नीचाई मापनी हो, तो सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला सर्वेक्षण उपकरण Auto Level होता है। इसे Dumpy Level या Automatic Level Instrument भी कहा जाता है।
यह एक ऐसा उपकरण है जिसकी मदद से हम जमीन के दो या अधिक बिंदुओं के बीच ऊँचाई का अंतर (Difference in Elevation) बड़ी सटीकता से निकाल सकते हैं।

Auto Level का उपयोग मुख्यतः निम्न कार्यों के लिए किया जाता है:

  • रोड, बिल्डिंग, पुल आदि का लेवलिंग कार्य (Leveling Work)
  • भूमि सर्वेक्षण (Land Survey)
  • फाउंडेशन, प्लिंथ या स्लैब की ऊँचाई सेट करने में
  • नाली (Drain) या सड़क की ढाल (Gradient) निकालने में

  • Autolevel mashine 


🔍 Auto Level के मुख्य भाग (Main Parts of Auto Level)

Auto Level में कई मुख्य हिस्से होते हैं जो इसके संचालन में मदद करते हैं:

  1. Telescope (दूरबीन) – यह दूर के स्टाफ को देखने के लिए उपयोग की जाती है।
  2. Eyepiece (आँख से देखने का भाग) – Telescope से देखने के लिए इस्तेमाल होता है।
  3. Objective Lens – स्टाफ की रीडिंग को स्पष्ट दिखाने के लिए।
  4. Leveling Screws (लेवल स्क्रू) – यंत्र को समतल (Level) करने के लिए तीन या चार स्क्रू होते हैं।
  5. Circular Bubble (बबल ट्यूब) – यह बताती है कि यंत्र लेवल है या नहीं।
  6. Tripod Stand – Auto Level को स्टैंड पर लगाया जाता है ताकि यह स्थिर रहे।
  7. Focusing Knob – स्टाफ को स्पष्ट (Clear) देखने के लिए फोकस एडजस्ट करने में मदद करता है।

⚙️ Auto Level कैसे चलाएँ (How to Operate Auto Level)

अब जानते हैं कि ऑटोलेवल को कैसे चलाया जाता है।
Auto Level चलाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यानपूर्वक फॉलो करें:

🪜 Step 1: Tripod Stand सेट करना

  • सबसे पहले जमीन पर ट्राइपॉड स्टैंड को इस तरह लगाएँ कि इसका हेड (Top Plate) लगभग समतल हो।
  • तीनों पैर को मजबूती से जमीन में गाड़ दें ताकि हिलने-डुलने की संभावना न रहे।

🪜 Step 2: Auto Level लगाना

  • Auto Level यंत्र को ट्राइपॉड स्टैंड पर सावधानीपूर्वक लगाएँ और स्क्रू से कस दें।

🪜 Step 3: यंत्र को लेवल करना

  • बबल ट्यूब में हवा का बुलबुला (Bubble) सेंटर में लाना आवश्यक है।
  • इसके लिए तीनों लेवलिंग स्क्रू को धीरे-धीरे घुमाकर बबल को केंद्र में लाएँ।
  • जब तक बबल सेंटर में नहीं आता, रीडिंग लेना शुरू न करें।

🪜 Step 4: स्टाफ रखना

  • जिस बिंदु की ऊँचाई चाहिए, वहाँ लेवलिंग स्टाफ को सीधा खड़ा करें।
  • स्टाफ हमेशा सीधा होना चाहिए, तिरछा नहीं।

🪜 Step 5: फोकस एडजस्ट करना

  • Eyepiece को पहले अपनी आँख के अनुसार फोकस करें ताकि Cross Hair साफ दिखे।
  • फिर Objective Lens के फोकस नॉब से स्टाफ की रीडिंग साफ दिखे, यह सुनिश्चित करें।

🪜 Step 6: रीडिंग लेना

  • अब Telescope से स्टाफ की रीडिंग लें।
  • रीडिंग हमेशा Middle Hair (Cross Hair) से ली जाती है।
  • इसे BS (Back Sight), IS (Intermediate Sight) या FS (Fore Sight) के रूप में नोट किया जाता है।

📏 HI Method से Reading कैसे लें और सॉल्व करें

Auto Level से रीडिंग लेने के दो मुख्य तरीके होते हैं:

  1. Rise and Fall Method
  2. HI Method (Height of Instrument Method)

यहाँ हम HI Method से रीडिंग लेना और सॉल्व करना सीखेंगे क्योंकि यह सबसे आसान और प्रैक्टिकल तरीका है।

🔹 Step 1: सेटअप और पहली रीडिंग लेना

  • सबसे पहले यंत्र को उस स्थान पर सेट करें जहाँ से दोनों बिंदु साफ दिखें।
  • स्टाफ को एक ज्ञात बिंदु (जैसे BM - Benchmark) पर रखें।
  • इस रीडिंग को Back Sight (BS) कहते हैं।
  • मान लीजिए Benchmark की ऊँचाई (RL) = 100.000 m और BS रीडिंग = 1.250 m
    तो Instrument Height (HI) = RL + BS
    👉 HI = 100.000 + 1.250 = 101.250 m

🔹 Step 2: आगे के बिंदु की रीडिंग लेना

  • अब स्टाफ को अगले बिंदु पर रखें और रीडिंग लें, यह Fore Sight (FS) कहलाती है।
  • मान लीजिए FS = 0.850 m
    तो उस बिंदु की RL होगी:
    👉 RL = HI - FS = 101.250 - 0.850 = 100.400 m

🔹 Step 3: Intermediate Points

  • यदि बीच में और भी बिंदु हैं तो उनकी रीडिंग Intermediate Sight (IS) कहलाती है।
    IS बिंदु का RL निकालने का तरीका भी वही रहेगा:
    👉 RL = HI - IS

🔹 Step 4: नई Setup Change करना

  • जब आगे के बिंदु दूर हो जाएँ, तो यंत्र को नई जगह सेट करें।
  • पहले के अंतिम बिंदु की रीडिंग Fore Sight (FS) के रूप में लें, और अगली Setup की पहली रीडिंग फिर से Back Sight (BS) कहलाएगी।
  • इसी तरह पूरा लेवलिंग सर्वे पूरा करें।

🧮 HI Method का उदाहरण (Example)

S.No Point BS (m) IS (m) FS (m) HI (m) RL (m) Remark
1 BM 1.200 101.200 100.000 Starting Point
2 A 1.500 99.700
3 B 0.950 100.250
4 C 1.350 99.850
5 D 1.000 100.850 99.850 Change Point
6 E 1.250 99.600
7 F 1.500 99.350

इस तालिका से साफ है कि:

  • हर नई Setup पर नया HI बनेगा।
  • RL निकालने के लिए बस यही सूत्र उपयोग करें:
    HI = RL + BS
    RL = HI - (IS या FS)

🔎 Reading चेक कैसे करें (How to Check Readings)

Auto Level में ली गई रीडिंग की जांच बहुत जरूरी है ताकि कोई गलती न रह जाए। इसके लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स का पालन करें:

  1. Arithmetic Check करें:
    HI Method में यह Check करें –
    👉 ΣBS - ΣFS = Last RL - First RL
    यदि दोनों बराबर हों तो रीडिंग सही मानी जाती है।

  2. Cross Checking:
    यदि संभव हो तो किसी दो बिंदुओं की ऊँचाई दो बार लें और अंतर समान आए तो रीडिंग सही है।

  3. Bubble Checking:
    हर रीडिंग लेने से पहले और बाद में देखें कि बबल सेंटर में है या नहीं।

  4. Instrument Stability:
    यंत्र कहीं हिला तो नहीं, यह ध्यान दें।
    क्योंकि थोड़ा सा मूवमेंट भी रीडिंग बदल सकता है।

  5. Autolevel mashine reading 



⚠️ Auto Level चलाते समय सावधानियाँ (Precautions While Using Auto Level)

Auto Level से सटीक परिणाम पाने के लिए नीचे दी गई सावधानियाँ बहुत जरूरी हैं:

  1. Instrument हमेशा लेवल होना चाहिए।
    बबल को हमेशा सेंटर में रखें।
  2. Tripod Stand स्थिर रखें।
    हिलने-डुलने से रीडिंग गलत आती है।
  3. Staff सीधा रखें।
    स्टाफ झुका होगा तो रीडिंग बढ़ जाएगी।
  4. धूप में Telescope को छोड़ें नहीं।
    इससे इसके अंदर का Lens खराब हो सकता है।
  5. Reading हमेशा Cross Hair से लें।
    अनुमान से नहीं, सटीक Center Hair से रीडिंग नोट करें।
  6. Wind या Vibrations से बचें।
    खासकर सड़क किनारे मापते समय सावधानी रखें।
  7. साफ दृष्टि रेखा (Line of Sight) रखें।
    बीच में कोई झाड़ी, गड्ढा या दीवार न आए।
  8. Instrument को ध्यानपूर्वक पैक करें।
    काम खत्म होने पर इसे हमेशा केस में रखें ताकि Damage न हो।

🧰 Auto Level से संबंधित कुछ सामान्य गलतियाँ (Common Mistakes and Solutions)

गलती प्रभाव समाधान
बबल ट्यूब सेंटर में नहीं रीडिंग गलत हर रीडिंग से पहले बबल चेक करें
स्टाफ झुका हुआ ज्यादा रीडिंग दिखाता है स्टाफ को सीधा रखें
लेंस फोकस गलत धुंधली रीडिंग Focusing Knob से Adjust करें
Tripod हिल रहा है रीडिंग में Error Tripod को मजबूती से गाड़ें
गलत डेटा रिकॉर्ड Calculation Error फील्ड बुक साफ-सुथरी भरें

📚 Auto Level का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है (Applications of Auto Level)

  • बिल्डिंग के फाउंडेशन लेवल सेट करने में
  • रोड या नहर की ग्रेडिंग तय करने में
  • साइट पर कटिंग और फिलिंग कार्य में
  • सीवरेज लाइन या ड्रेन लेवल निकालने में
  • बड़ी जमीन का टोपोग्राफिक सर्वे करने में

🏁 निष्कर्ष (Conclusion)

Auto Level एक अत्यंत आवश्यक उपकरण है जो हर सिविल इंजीनियर, सर्वेयर और साइट सुपरवाइजर के पास होना चाहिए। इससे न केवल लेवलिंग कार्य तेजी से होता है बल्कि सटीकता (Accuracy) भी बनी रहती है।
यदि आप इसे सही तरीके से चलाना, रीडिंग लेना और HI Method से सॉल्व करना सीख लेते हैं, तो किसी भी प्रकार का लेवल सर्वे आपके लिए आसान हो जाता है।

Auto Level चलाने में सबसे जरूरी है धैर्य, फोकस और अभ्यास
जितना अधिक अभ्यास करेंगे, उतनी ही सटीक रीडिंग मिलेगी और आपका Confidence बढ़ेगा।


✍️ ब्लॉग लेखक की सलाह:

अगर आप सिविल इंजीनियरिंग सीख रहे हैं या साइट पर काम कर रहे हैं, तो Auto Level को खुद चलाकर HI Method का प्रैक्टिकल करें।
एक नोटबुक में फील्ड बुक बनाकर रीडिंग नोट करें, Calculation करें और बार-बार चेक करें।
यही अभ्यास आपको एक Professional Site Engineer बनाएगा।

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