Cement concrate (CC) Road kaise banay
परिचय: सीमेंट कंक्रीट रोड क्या होती है
आज के समय में सड़क निर्माण (Road Construction) किसी भी देश के विकास का सबसे अहम हिस्सा है। सड़कें जितनी मजबूत होंगी, परिवहन उतना ही तेज़ और सुरक्षित रहेगा। भारत में पहले ज्यादातर सड़कें WBM (Water Bound Macadam) या Bituminous (काली सड़क) प्रकार की होती थीं, लेकिन अब Cement Concrete Road (सीमेंट कंक्रीट रोड) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
सीमेंट कंक्रीट रोड (C.C. Road) ऐसी सड़क होती है जिसमें सड़क की सतह सीमेंट, रेत, गिट्टी और पानी के मिश्रण से बनाई जाती है। यह सड़क बेहद मजबूत, टिकाऊ और मेंटेनेंस-फ्री होती है।
| Cement concrete road |
Cement Concrete Road की विशेषताएं (Features of C.C. Road)
- लंबे समय तक टिकाऊ (Durable): एक बार बनने के बाद 30–40 साल तक कोई बड़ी मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ती।
- कम मेंटेनेंस: बिटुमिनस रोड की तुलना में C.C. रोड को बहुत कम मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है।
- Weather Resistant: यह सड़क बारिश, धूप या ठंड—हर मौसम में समान रूप से काम करती है।
- Smooth Surface: गाड़ियों के लिए बेहतर ग्रिप और स्मूद ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिलता है।
- White Topping Effect: इसकी सतह सफेद होने के कारण गर्मी कम अवशोषित होती है।
Cement Concrete Road बनाने के लिए जरूरी सामग्री (Materials Required)
- Cement: Ordinary Portland Cement (OPC) 43 Grade या 53 Grade सबसे उपयुक्त होती है।
- Coarse Aggregate (गिट्टी): 20 mm और 10 mm साइज की क्रश्ड स्टोन गिट्टी।
- Fine Aggregate (रेत): साफ, सूखी और उचित ग्रेड की रेत (Zone-II)।
- Water (पानी): पीने योग्य साफ पानी।
- Steel Reinforcement (यदि आवश्यक हो): कुछ जगहों पर स्लैब को मजबूत बनाने के लिए रॉड या वायर मेश का उपयोग किया जाता है।
- Formwork/Shuttering: किनारों पर रोड का आकार बनाए रखने के लिए स्टील या लकड़ी का फॉर्मवर्क।
- Joint Fillers & Sealants: रोड स्लैब के बीच joints बनाने और उन्हें सील करने के लिए bitumen या rubber आधारित सामग्री।
Cement Concrete Road बनाने की पूरी प्रक्रिया (Step by Step Construction Process)
अब आइए समझते हैं कि सीमेंट कंक्रीट रोड बनाने की प्रक्रिया कैसे होती है —
1. सर्वे और लेवलिंग (Survey and Levelling)
सड़क बनाने से पहले क्षेत्र का सर्वे (Survey) किया जाता है ताकि रोड की चौड़ाई, लंबाई, ऊँचाई और ढलान (slope) का निर्धारण हो सके।
- लेवल मशीन या ऑटोलेवल से ग्राउंड लेवल निकाला जाता है।
- जहां आवश्यकता होती है वहां cutting या filling की जाती है ताकि सबग्रेड समान हो जाए।
2. सबग्रेड की तैयारी (Preparation of Subgrade)
यह सड़क की नींव (foundation) होती है।
- भूमि को 20–30 सेमी की गहराई तक खुदाई करके समतल किया जाता है।
- उसके बाद मिट्टी को अच्छी तरह रोलर से दबाकर 95% compaction तक तैयार किया जाता है।
- यदि आवश्यक हो, तो murrum layer (मुर्रम की परत) डाली जाती है जिससे पानी नीचे न रुके।
Cement concrete road ki layer
3. सब-बेस या बेस कोर्स (Sub-base/Base Course)
इस परत का कार्य लोड को समान रूप से फैलाना होता है।
- इस लेयर में granular material या dry lean concrete (DLC) डाला जाता है।
- DLC आमतौर पर 1:4:8 के अनुपात में तैयार की जाती है।
- इस परत की मोटाई लगभग 100 mm रखी जाती है।
4. फॉर्मवर्क लगाना (Setting of Formwork)
अब सड़क के दोनों किनारों पर formwork (steel shuttering plates) लगाई जाती हैं ताकि कंक्रीट एक निश्चित चौड़ाई और ऊँचाई में रहे।
- फॉर्मवर्क को अच्छे से एंकर किया जाता है ताकि वह कंक्रीट डालते समय हिले नहीं।
- लेवल और लाइन को ध्यानपूर्वक जांचा जाता है।
5. Reinforcement (यदि आवश्यक हो)
यदि सड़क Reinforced Concrete Road (RCC Road) है, तो इस चरण में steel mesh या bars बिछाई जाती हैं।
- ये reinforcement road slab में आने वाले tensile stresses को झेलने में मदद करती है।
- यह स्टील कवर 30–40 mm तक कंक्रीट से ढका होना चाहिए।
6. कंक्रीट तैयार करना (Mixing of Concrete)
कंक्रीट को दो तरीके से तैयार किया जा सकता है —
- Hand Mixing (छोटे कार्यों के लिए)
- Machine Mixing (बड़े कार्यों के लिए)
आम तौर पर सड़क निर्माण में Batching Plant या Concrete Mixer का प्रयोग किया जाता है।
Mix Ratio:
M30 या M35 ग्रेड का कंक्रीट आमतौर पर प्रयोग होता है।
कंक्रीट का वर्कएबिलिटी कंट्रोल करने के लिए Water-Cement Ratio को 0.40–0.45 के बीच रखा जाता है।
7. कंक्रीट बिछाना (Placing of Concrete)
- तैयार कंक्रीट को तुरंत फॉर्मवर्क के अंदर बिछाया जाता है।
- कंक्रीट डालने का कार्य Transverse Direction (आड़े में) किया जाता है।
- Vibrating Screed या Needle Vibrator से कंक्रीट को अच्छे से कम्पैक्ट किया जाता है ताकि कोई voids न रहे।
- Surface को फ्लोट और ट्रॉवेल से समतल किया जाता है।
8. Surface Finishing (सतह को समतल और फिनिश देना)
कंक्रीट डालने के बाद सतह को smooth करने के लिए Steel Float या Wooden Float का उपयोग किया जाता है।
- हल्की टेक्सचर देने के लिए broom finish की जाती है ताकि सड़क पर फिसलन न हो।
9. Expansion & Contraction Joints (जॉइंट बनाना)
कंक्रीट में तापमान परिवर्तन के कारण expansion और contraction होता है।
इससे दरारें (cracks) न पड़ें, इसके लिए जॉइंट्स बनाए जाते हैं —
- Expansion Joint: हर 25–30 मीटर पर।
- Contraction Joint: हर 4.5–5 मीटर पर।
- Longitudinal Joint: सड़क की लंबाई में।
इन joints में joint filler (bitumen board) डाला जाता है और ऊपर से sealant लगाया जाता है।
10. Curing (सिंचाई/सुखाने की प्रक्रिया)
कंक्रीट डालने के बाद कम से कम 14 दिनों तक curing की जाती है।
- Curing का उद्देश्य सीमेंट के हाइड्रेशन को पूरा करना है।
- इसके लिए सतह पर लगातार पानी छिड़का जाता है या गीली जूट की बोरियां बिछा दी जाती हैं।
11. Final Finishing और Opening for Traffic
जब कंक्रीट 28 दिन में अपनी पूरी ताकत हासिल कर लेता है, तब सड़क को ट्रैफिक के लिए खोला जा सकता है।
- इससे पहले Road Surface का Inspection किया जाता है।
- Drainage और Side Shoulder का भी finishing किया जाता है।
Cement Concrete Road की मोटाई (Thickness of Slab)
सड़क की मोटाई कई बातों पर निर्भर करती है:
- ट्रैफिक लोड (Traffic Intensity)
- Subgrade Strength (CBR Value)
- Road Width
आम तौर पर:
- Village Road: 150–200 mm
- City Road: 200–250 mm
- Highway/Industrial Road: 250–300 mm तक
Cement Concrete Road के फायदे (Advantages)
- टिकाऊ और मजबूत: लंबे समय तक चलने वाली सड़क।
- कम रखरखाव लागत: बिटुमिनस सड़क की तुलना में मरम्मत कम।
- स्किड रेसिस्टेंस: बारिश में फिसलन कम होती है।
- कम ईंधन खर्च: गाड़ियों का रोलिंग रेजिस्टेंस कम होने से माइलेज बढ़ता है।
- धूप में गर्मी कम होती है।
- पर्यावरण के अनुकूल: बिटुमिनस रोड की तरह हानिकारक धुआं या गैस नहीं निकलती।
Cement Concrete Road के नुकसान (Disadvantages)
- शुरुआती लागत ज्यादा: बिटुमिनस रोड की तुलना में लागत 30–40% अधिक।
- निर्माण समय अधिक: कंक्रीट को पूरी ताकत पाने में 28 दिन लगते हैं।
- मरम्मत कठिन: एक बार क्रैक पड़ने पर रिपेयर करना मुश्किल होता है।
- शोर ज्यादा: गाड़ियों के टायर और कंक्रीट सतह के बीच आवाज होती है।
Cement Concrete Road की जीवन अवधि (Life Span)
यदि सही तरीके से डिजाइन और निर्माण किया जाए, तो C.C. Road की आयु 30 से 40 वर्ष तक होती है।
इसके विपरीत बिटुमिनस सड़क की आयु केवल 8–10 वर्ष होती है।
Cement Concrete Road की लागत (Approximate Cost)
C.C. Road की लागत स्थान, मोटाई और सामग्री पर निर्भर करती है।
आम तौर पर 200 mm मोटाई की सड़क की लागत ₹3500 से ₹5000 प्रति वर्ग मीटर तक हो सकती है।
भारत में Cement Concrete Road का महत्व
भारत सरकार “प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)” और Smart City Mission के तहत कई जगहों पर C.C. रोड का निर्माण करवा रही है।
क्योंकि यह सड़कें:
- लंबे समय तक टिकती हैं,
- बारिश और कीचड़ से प्रभावित नहीं होतीं,
- और ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन आसान बनाती हैं।
Cement Concrete Road बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Important Tips)
- कंक्रीट डालते समय continuity बनाए रखें, बीच में रुकावट न हो।
- Mixing और placing के बीच अधिक समय का अंतर न रखें।
- Expansion joints को सही spacing पर बनाएँ।
- Proper curing कम से कम 14 दिन करें।
- Surface पर broom finish अवश्य दें ताकि सड़क फिसले नहीं।
- Drainage system सही बनाएँ ताकि पानी रोड के नीचे न जाए।
निष्कर्ष (Conclusion)
Cement Concrete Road आधुनिक भारत की जरूरत है। यह न सिर्फ मजबूत और टिकाऊ होती है, बल्कि लंबी अवधि तक लगभग maintenance-free भी रहती है। यद्यपि इसकी प्रारंभिक लागत थोड़ी अधिक होती है, लेकिन इसके लंबे जीवनकाल और कम मरम्मत खर्च को देखते हुए यह सबसे किफायती और पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।
अगर निर्माण के प्रत्येक चरण — survey, subgrade preparation, formwork, concrete laying, curing और joints — को तकनीकी रूप से सही तरीके से किया जाए, तो ऐसी सड़कें दशकों तक बिना टूटे चल सकती हैं।
इसलिए, जब भी किसी इलाके में नई सड़क बनाने की बात हो, तो Cement Concrete Road को प्राथमिकता देना भविष्य की दृष्टि से एक बेहतर निर्णय होगा।
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